Idam Rashtraya Swaha
Idam Rashtraya Swaha

Books Item Code: 101010004

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यह नाट्यकृति 'इदं राष्ट्राय स्वाहा' राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक श्रीयुत माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर के राष्ट्र के प्रति समर्पित जीवन के प्रमुख पहलुओं को उकेरने वाली उत्कृष्ट कृति है। श्री गोलवलकर के समाज और राष्ट्र की सेवा के लिए जन-जन को प्रेरित करने वाले व्यक्तित्व एवं कर्मठ कृतित्व के कारण ही प्रथम सरसंघचालक श्रीयुत केशव बलिराम हेडगेवार जी ने उन्हें 'श्रीगुरूजी' संबोधन दिया। स्वामी विवेकानन्द के गुरूभाई स्वामी अखण्डानन्द जी के सानिध्य में अध्यात्मप्रेरणा प्राप्त कर राष्ट्रसेवा यज्ञ में सम्पूर्ण जीवन की आहुति देने वाले श्रीगुरूजी के युवाकाल से लेकर महाप्रयाण तक की प्रेरणादायी जीवनयात्रा के महत्वपूर्ण प्रसंगों को इस नाटक में बखूबी दर्शाया गया है। यह नाटक संघ के ध्येय, कार्य और भारतनिष्ठा के विषय में स्पष्टता से अवगत कराता है। संघ के विषय में दुर्भावना से प्रचारित भ्रांतियों का निवारण भी इस कृति में किया गया है। डॉ. हेडगेवार जी ने संघ का आरंभ कैसे किया, संघ प्रार्थना के लिए कितना गहन चिंतन-मनन हुआ, श्रीगुरूजी द्वारा देशसेवा के लिए विवाह न करने का प्रण लेते हुए परिवार से दूर रहकर निरंतर संघ शाखाओं के विस्तार का कार्य जिसमें उन्हें अनेकानेक कठिन परिस्थितियों का का सामना करना पड़ा। संघ पर प्रतिबंध का कुत्सित प्रयत्न और सत्यनिष्ठा के साथ उससे मुक्त होकर दृढ़संकल्प से संघ का पुनर्विस्तार करना। यह सब करते हुए भगवद्ध्वज के समक्ष संघप्रार्थना करते हुए ही मातृभू की अर्चना में प्राणों की आहुति देने वाले श्रीगुरूजी के समग्र जीवन, अनुभव, त्याग, समर्पण का प्रभावी चित्रण इस नाटक में किया गया है। निश्चित ही यह नाट्यकृति न केवल विविध संगठन संस्थाओं में सेवाभाव से कार्यरत स्वयंसेवकों को वरन् वर्तमान युवापीढ़ी को अपने भारत से प्रेम करते हुए भारत और भारतवासियों के लिए कुछ करने का भाव जाग्रत करने की प्रेरणा देती है। विद्यार्थियों और शोधार्थियों के लिए भी अत्यंत उपयोगी है। पठनीय होने के साथ सहजता से मंचनीय भी है।

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